विशाखापत्तनम। आंध्रप्रदेश के विशाखापट्टनम में एक फार्मा कंपनी में गैस लीकेज का मामला सामने आया है। स्थानीय प्रशासन और नेवी ने फैक्ट्री के पास के गांवों को खाली करा लिया है। इस हादसे में 11 लोगों की मौत हो चुकी है तो वहीं 200 से ज्यादा लोगों को हॉस्पिटल में भर्ती करवाया गया है।
पीएम नरेंद्र मोदी ने उत्पन्न स्थिति की समीक्षा की:-
बता दें कि पीएम नरेंद्र मोदी ने आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में एक रासायनिक संयंत्र में गैस लीक होने के कारण उत्पन्न स्थिति की समीक्षा की और प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई एस जगनमोहन रेड्डी को हरसंभव मदद का आश्वासन दिया है। साथ ही प्रधानमंत्री ने गैस लीक होने के बाद पैदा हुए हालात के मद्देनजर राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) और गृह मंत्रालय के साथ बैठक भी की।
इस घटना के बाद राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने सख्ती दिखाते हुए केन्द्र और राज्य सरकार को नोटिस भेजकर जवाब मांगा है। गैस कांड़ के पीड़ितों का हाल जानने के लिए खुद राज्य के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी किंग जॉर्ज अस्पताल पहुंचे हैं। मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने किंग जॉर्ज हॉस्पिटल में एडमिट पीड़ितों से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने मुआवजे का ऐलान किया। हादसे में जान गंवाने पर उनके परिजनों को एक-एक करोड़ रुपये का मुआवजा दिया जाएगा। तो वहीं पीड़ितों को 10-10 लाख रुपये और डिस्चार्ज किए जा चुके लोगों को एक-एक लाख रुपये की सहायता राशि मिलेगी। साथ ही मुख्यमंत्री जगम मोहन रेड्डी ने मामले की जांच करने के लिये 5 सदस्यीय कमेटी का गठन का किया जो कि इस पूरे मामले की जांच करेगी।
वहीं इस मामले को लेकर अधिकारियों ने बताया कि यह प्लांट गोपालपट्टनम इलाके में स्थित है। इस इलाके के लोगों ने आंखों में जलन, सांस लेने में तकलीफ, जी मचलाना और शरीर पर लाल चकत्ते पड़ने की शिकायत की।
एनडीआरएफ के डीजी एसएन प्रधान ने बताया कि विशाखापत्तनम की घटना स्टायरिन गैस लीकेज की घटना है जो प्लाटिक का कच्चा माल है। ये फैक्ट्री लॉकडाउन के बाद खुली थी लगता है रीस्टार्ट होने के क्रम में गैस लीक हुई है। गैस लीकेज होने की वजह से आसपास के गांव प्रभावित हुए हैं।
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