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यात्रियों को समय पर सूचना देकर बुलाएं, स्टेशन पर नहीं हो भीड़- CM गहलोत

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार प्रवासियों एवं श्रमिकों के सुरक्षित एवं सुगम आवागमन के लिए लगातार प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि संक्रमण से बचाव के लिए दूसरे राज्यों से आने वाले प्रवासियों एवं श्रमिकों के लिए संस्थागत क्वारेंटाइन की व्यवस्था की गई है, लेकिन जो व्यक्ति उसका उपयोग नहीं करना चाहते वे आवश्यक रूप से अपने घर में होम क्वारेंटाइन में रहें। साथ ही, उनका पूरा परिवार सोशल डिस्टेंसिंग की पालना करें एवं घर से बाहर नहीं जाएं। इसमें किसी तरह की लापरवाही न हो अन्यथा हमारी अब तक की तपस्या व्यर्थ हो जाएगी। 

बता दें कि सीएम गहलोत ने शनिवार को मुख्यमंत्री निवास पर लॉकडाउन एवं प्रवासियों के आवागमन को लेकर उच्च स्तरीय बैठक में समीक्षा की। उन्होंने कहा कि प्रवासियों एवं श्रमिकों के सुव्यवस्थित एवं सुरक्षित आवागमन के लिए ट्रेनों और बसों को सेनेटाइज करने के साथ ही सभी यात्रियों की स्क्रीनिंग सुनिश्चित की जाए। उनके लिए मास्क, सेनेटाइजर, भोजन सहित अन्य सभी व्यवस्थाएं भी सुचारू रूप से उपलब्ध हों। 

यात्रियों को समय पर सूचना देकर बुलाएं, स्टेशन पर नहीं हो भीड़:-
मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि अब तक करीब 14 लाख लोगों ने आवागमन के लिए पंजीयन करवाया है। इन्हें अपने-अपने गृह स्थानों पर भेजा जाना बड़ी चुनौती है। ट्रेन से ये लोग सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए बिना किसी परेशानी के जा सकें, इसके लिए इन्हें एसएमएस के माध्यम से ट्रेन के शेड्यूल एवं किराये से संबंधित सूचनाएं समय पर देकर ट्रेन की रवानगी से करीब 4 से 6 घंटे पहले बुलाया जाए, जिससे स्टेशन पर भीड़ नहीं हो। केवल वे ही यात्री स्टेशन पर आएं, जिन्हें एसएमएस प्राप्त हुआ है और उन्होंने यात्रा के लिए सहमति प्रकट की है। 

लॉकडाउन के तीसरे चरण की भी हो सख्ती से पालना:-
सीएम गहलोत ने कहा कि 4 मई से लॉकडाउन का तीसरा चरण प्रारम्भ हो जाएगा। इसके लिए जारी केन्द्र की गाइडलाइन और उस परिप्रेक्ष्य में राज्य सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों की सख्ती से पालना सुनिश्चित कराई जाए। सोशल डिस्टेंसिंग को लेकर किसी तरह की लापरवाही नहीं हो। साथ ही, जिन औद्योगिक गतिविधियों को तीसरे चरण में शुरू करने की अनुमति दी गई है, उनके लिए आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं। 

चार राज्यों से सहमति के लिए वार्ता जारी:-
मुख्य सचिव डीबी गुप्ता ने बताया कि प्रवासियों एवं श्रमिकों के आवागमन को लेकर राज्य सरकारों से निरंतर वार्ता एवं समन्वय किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि उत्तरप्रदेश, बिहार, तेलंगाना एवं पश्चिम बंगाल ने फिलहाल शिविरों में रह रहे श्रमिकों के अलावा अन्य लोगों को लेने पर सहमति नहीं दी है। इसलिए इन राज्यों के लोगों को भेजा जाना संभव नहीं हो पा रहा है। राज्य सरकार प्रयास कर रही है कि इन राज्यों की सरकारें जल्द सहमति प्रदान करें। 

शनिवार तक 1 लाख से अधिक प्रवासियों का आवागमन:-
अतिरिक्त मुख्य सचिव उद्योग सुबोध अग्रवाल ने बताया कि राज्य से शनिवार तक 45 हजार 287 श्रमिकों एवं प्रवासियों को विभिन्न राज्यों में भिजवाया जा चुका है और 57 हजार 521 श्रमिकों एवं प्रवासियों को प्रदेश में लाया गया है। सोशल डिस्टेंसिंग की पालना करते हुए एक ट्रेन में करीब 1200 यात्रियों को ही लाया और ले जाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रवासियों एवं श्रमिकों के सुरक्षित एवं सुगम आवागमन के लिए प्रक्रिया को और बेहतर बनाया जा रहा है। यात्री भारतीय रेलवे द्वारा निर्धारित किराया राज्य सरकार के माध्यम से देकर यात्रा कर सकते हैं।

बैठक में चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा, मुख्य सचिव डीबी गुप्ता, अति. मुख्य सचिव गृह राजीव स्वरूप, अति. मुख्य सचिव चिकित्सा रोहित कुमार सिंह, प्रमुख सचिव सूचना प्रौद्योगिकी अभय कुमार, जनसम्पर्क आयुक्त महेन्द्र सोनी, उत्तर पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक आनंद प्रकाश सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

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