बंगाल की खाड़ी और देश के पूर्वी तटों पर अगले कुछ घंटों के भीतर अत्यधिक खतरनाक चक्रवाती तूफान 'यास' टकराने वाला है। यह तूफान ओडिशा के उत्तरी तटों से टकराते हुए पश्चिम बंगाल से टकरा सकता है। दोनों ही राज्यों में पिछले 2-3 दिनों से सुरक्षा के लिहाज से लगातार कदम उठाए जा रहे हैं। लाखों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। बता दें कि आज दोपहर तक लैंडफॉल होने की आशंका है। सुबह 9 बजे के आसपास लैंडफॉल की प्रक्रिया शुरू हो गई थी। इसके पहले मंगलवार से ही दोनों राज्यों में तेज हवाओं के साथ बारिश हो रही है।
ओडिशा के धामरा और बालासोर में सुबह से ही तेज हवाओं के साथ बारिश हो रही थी। बालासोर में तो समुद्र का स्तर बढ़ जाने से रिहायशी इलाकों में पानी घुस आया, यहां पेड़ और लोगों के घर पानी डूबे नजर आए। पश्चिम बंगाल के मेदिनीपुर के दीघा में भी ऐसा ही नजारा आया. यहां समुद्र का स्तर खतरनाक स्तर तक बढ़ गया है, यहां पर लगातार ऊंची लहरें तटों से टकरा रही हैं।
दीघा में भी सुबह-सुबह ही सड़कों पर घुटनों तक पानी भरा हुआ नजर आया। लोग पानी के बीच से गुजरते नजर आए। पश्चिम बंगाल के नैहाटी और हालीशहर में कई घर तूफ़ान और तेज़ बारिश की वजह से तबाह हो गए हैं।
तो वहीं, कोलकाता सहित कई और जिलों में कल से बारिश हो रही है। खतरे को देखते हुए एहतियात के तौर पर कोलकाता एयरपोर्ट बंद कर दिया गया है, कोलकाता एयरपोर्ट की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक एयरपोर्ट से 26 मई की सुबह 8.30 बजे से शाम 7.45 बजे तक सभी उड़ानें निलंबित रहेंगी।
मौसम विभाग के अनुसार चक्रवात का सबसे ज़्यादा असर तटीय ओडिशा और पश्चिम बंगाल में होगा। इसके अलावा तमिलनाडु, आंध्रप्रदेश, अंडमान-निकोबार द्वीप समूह में भी इसका प्रभाव दिखाई देने की आशंका है। इन राज्यों के अलावा झारखंड, केरल के तटवर्ती इलाक़े भी तूफ़ान यास से प्रभावित हो सकते हैं। असम, मेघालय, यूपी और बिहार के कई इलाक़ों में भी तूफ़ान की वजह से भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है।
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