राजस्थान भाजपा (bjp) प्रदेशाध्यक्ष डॉ. सतीश पूनियां (Dr. Satish poonia) ने गुरूवार को वर्चुअल प्रेस कांफ्रेस में कहा कि, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर उन्होंने अपनी पीड़ा जाहिर की है, इस बात का दुख भी व्यक्त किया है कि कोरोना जैसी महामारी में जिस तरीके से विपक्ष को एक सकारात्मक भूमिका निभानी चाहिये थी, लोगों के बीच में भरोसा एवं मनोबल पैदा करना चाहिये था, उसके बजाय देश को कमजोर करने की, अराजकता फैलाने का षडयंत्र किया जा रहा है।
डॉ. पूनियां ने कहा कि जिस तरीके से कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व द्वारा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं केन्द्र सरकार को लांछित करने की कोशिश की है, ऐसे समय में जब मोदी के कुशल नेतृत्व में भारत का एक बड़ा वैक्सीनेशन अभियान चल रहा है, भारत के चिकित्सा इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूती देने का दौर शुरू किया है और देश के तमाम कोरोना योद्धाओं की बदौलत कोरोना से लड़ाई में भारत ने मजबूती से अपनी ताकत दिखाई।
उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के संकट के ऐसे अवसर पर इस तरीके से कांग्रेस पार्टी का आचरण निंदनीय है, इस बात उल्लेख जेपी नड्डा ने पत्र में किया है, और इस बात का उदाहरण है राजस्थान की कांग्रेस पार्टी की मौजूदा सरकार जो पिछले काफी अरसे से अपनी कमजोरियों को, नाकामियों को केन्द्र के माथे मंढकर पाक साफ होना चाहती है।
डॉ. पूनियां (Satish poonia) ने कहा कि, मोदी सरकार राजस्थान को ऑक्सीजन, रेमेडिसवर, वेंटिलेटर इत्यादि सभी जरूरी सुविधायें तत्परता से उपलब्ध करवा रही है, बावजूद कांग्रेस के शीर्ष नेताओं के बयान लोगों का मनोबल कमजोर करते हैं, इसलिये मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से आग्रह करता हूं कि कोरोना की इस लड़ाई में वास्तव में उस सहकारी संघवाद की भावना का पालन करें, जनता को भरोसा दिलायें, कोरोना के प्रबंधन को बेहतर करने पर ध्यान दें, जिससे हम सब लोग मिलकर कोरोना से मजबूती से लड़ाई लड़ पायेंगे। साथ ही मुख्यमंत्री ऑक्सीजन, रेमेडिसवर, बेड्स की कालाबाजारी पर लगाम लगायें।
डॉ. पूनियां ने कहा कि, देश की जनता ने कांग्रेस को 50 वर्षों तक शासन करने का अवसर दिया, लेकिन इन्फ्रास्ट्रक्चर डवलप क्यों नहीं हुआ, ये जवाब प्रदेश एवं देश की जनता मांग रही है। मोदी के नेतृत्व में देश की जनता में भरोसा पैदा हुआ, 18 करोड़ से अधिक वैक्सीनेशन हो गया, लेकिन वैक्सीन के नाम पर भी कांग्रेस ने राजनीति की, देश को बदनाम करने का एजेंडा चलाया गया।
डॉ. पूनियां ने कहा कि, नड्डा ने पत्र में कहा कि पत्र गहरी पीड़ा एवं दुख के साथ लिख रहा हूं, कांग्रेस देशभर में भ्रम फैला रही है, देश मोदी के नेतृत्व में कोरोना से मजबूती से लड़ रहा है तो ऐसे में कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व को झूठ फैलाना एवं सियासत नहीं करनी चाहिये।
उन्होंने कहा कि, लॉकडाउन को लेकर कांग्रेस के अंतरराष्ट्रीय नेता राहुल गांधी हमेशा भ्रम में रहते हैं, संसद के नये भवन को लेकर झूठी भ्रांतियां फैलाते हैं, कांग्रेस सरकार के समय ही तत्कालीन लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार ने नये संसद भवन की जरूरत को उल्लेखित किया था।
डॉ. पूनियां ने कहा कि, राजस्थान सरकार की स्वास्थ्य सुविधाओं को मजबूत करने की प्राथमिकता होती तो बजट का केवल मात्र 7 प्रतिशत ही स्वास्थ्य सेवाओं के लिये नहीं होता। कोरोना की पहली लहर के बाद स्पष्ट हो गया था कि स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करना होगा, इसके बावजूद प्रदेश के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र मजबूत नहीं किये गये, ना ही वहां जरूरी उपकरण उपलब्ध करवाने पर ध्यान दिया, ना ही वहां ऑक्सीजन प्लांट विकसित किये गये, इस बात के दोषी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत हैं।
डॉ. पूनियां ने कहा कि, चिरंजीवी स्वास्थ्य योजना को लेकर प्रदेश के लोग असमंजस में है, ना तो व्यवस्थित तरीके से रजिस्ट्रेशन हो रहा है, जिन लोगों ने रजिस्ट्रेशन करवा लिया है, उनका निजी अस्पताल निशुल्क इलाज नहीं कर रहे हैं? ये कैसा प्रबंधन है, मुख्यमंत्री गहलोत जनता को जवाब दें। कांग्रेस ने फॉर्मूला तय कर लिया कि केन्द्र को दोष दो, राजस्थान सरकार को पाक साफ बताओ।
उन्होंने कहा कि, केन्द्र सरकार ने पीएम केयर्स फंड के माध्यम से सालभर पहले राज्य को 1500 वेंटिलेटर्स दिये थे, उनको लेकर बीईएल को राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने जवाब दिया कि 1500 में से 1475 इंस्टॉल कर दिये, हकीकत ये है कि वेंटिलेटर्स कहीं कबाड़ में पड़े हैं, कहीं पैक रखे हुये हैं, गहलोत सरकार की तकलीफ यह थी कि वेंटिलेटर्स पर पीएम केयर्स का लोगो लगा हुआ है।
डॉ. पूनियां ने कहा कि, 45 वर्ष से ऊपर वालों के लिये वैक्सीनेशन को राज्य सरकार ने गंभीरता से नहीं लिया, आज ये कह रहे हैं ग्लोबल टेंडर करेंगे, जब एनडीए की राज्य सरकारों ने अपने-अपने राज्यों में फ्री वैक्सीनेशन की घोषणा कर दी तो राजस्थान सरकार ने इतने दिन यह सोचने में ही लगा दिये कि वैक्सीनेशन को फ्री कैसे करें। वैक्सीनेशन को तत्काल ही फ्री कर देना चाहिये था, ग्लोबल टेंडर से कब राज्य सरकार वैक्सीन मंगायेगी, कब लगायेगी यह स्पष्ट करे। उन्होंने कहा कि, राज्य सरकार बताये कि सालभर में ऑक्सीजन के प्लांट्स क्यों नहीं लगे, सिर्फ इंजीनियरों के माथे पर डालकर पाक नहीं हो जाएगी प्रदेश सरकार, यथायोग्य प्रयास करने चाहिये थे।
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