जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ज्ञात-अज्ञात स्वतंत्रता सेनानियों को नमन करते हुए कहा कि उनके लम्बे संघर्ष और समर्पण से देश को अंग्रेजों की गुलामी से आजादी मिली। आजादी के बाद देश में लोकतंत्र कायम हुआ। उन्होंने कहा कि इस मुल्क में विभिन्न धर्म, सम्प्रदाय और जातियों के लोग रहते हैं। विभिन्न भाषाएं बोली जाती हैं। इतनी विविधता के बावजूद हमारे नेताओं ने सर्वधर्म समभाव, समाजवाद एवं धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांतों के साथ इस देश को एकजुट एवं अखण्ड रखा। इन सिद्धांतों पर चलते हुए ही हमें नफरत फैलाने वाली ताकतों को मुंहतोड़ जवाब देना होगा, ताकि हमारा देश एक और अखण्ड रहे। मुख्यमंत्री रविवार को 75वें स्वाधीनता दिवस के अवसर पर बडी चौपड़ पर आयोजित समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने यहां ध्वजारोहण किया और उपस्थित जनसमुदाय को स्वतंत्रता दिवस की बधाई दी। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र की महान परम्पराओं को आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी हम सबकी है। हमें संविधान की मूलभावना को आत्मसात कर देश-प्रदेश की उन्नति के लिए काम करना होगा। गहलोत ने कहा कि पं. जवाहर लाल नेहरू, सरदार पटेल, मौलाना आजाद तथा डॉ. अम्बेडकऱ जैसे महान नेताओं ने मुल्क को नई दिशा दी। हमारी महान नेता पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने आतंकी ताकतों से लोहा लेते हुए अपनी जान दे दी, लेकिन देश की एकता पर आंच नहीं आने दी। पूर्व प्रधानमंत्री स्व. राजीव गांधी की वैज्ञानिक सोच के चलते ही देश में सूचना क्रांति सम्भव हुई। उन्होंने कहा कि इस पावन अवसर पर हमें संकल्प लेना चाहिए कि हम आपसी सद्भाव बनाए रखेंगे तथा मुल्क को तोडऩे वाली ताकतों के बहकावे में नहीं आएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश के समग्र विकास की दिशा में प्रतिबद्धता के साथ काम कर रही है। हमारा प्रयास है कि जनता से किया गया हर वादा पूरा हो। हमने जनघोषणा पत्र के 64 प्रतिशत वादों को मूर्त रूप दे दिया है। साथ ही विभिन्न योजनाओं और कार्यक्रमों के माध्यम से गांव-गरीब, किसान, युवा, महिला सहित सभी वर्गों को खुशहाल बनाने का प्रयास किया जा रहा है। गहलोत ने कहा कि कोरोना संक्रमण के विकट समय में सरकार ने सभी वर्गों को साथ लेकर पहली और दूसरी लहर का प्रभावी प्रबंधन किया। लोगों का जीवन बचाने के साथ-साथ आजीविका को सुचारू रखना हमारी प्राथमिकता रही है।
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